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साजिश (अ थ्रिलर स्टोरी) एपिसोड 15

सुमित और अनुराग एक साथ बैठे थे, सुमित के गैराज में अच्छा इंतजाम था बैठकर बात करने का।
अनुराग ने जब सारी बात सुमित को बताई तो उसने एक उपाय बताते हुए कहा- "अगर रोशनी को पाना है, तो दीपक को तो टपकाना ही पड़ेगा। एक काम क्यो नही करता, दीपक को पहले धमकी दे दे कि वो रोशनी की लाइफ़ से दूर चले जाए, अगर वो खुद ही डर जाएगा तो हमारा काम आसान हो जाएगा। और अगर नही डरा तो ले जा चार बंदे और हाथ पैर तोड़ दे उसके"

अनुराग ने उसकी बात सुनी और मुंह टेड़ा करते हुए बोला- "हुंह, तुम्हे क्या लगता है कि मैंने उसे धमकाया नही, बहुत धमकाया।  लेकिन वो डरने वालो में से नही है।"

"तो मार दो साले को।" सुमित ने कहा।

"मर्डर……" अनुराग ने हैरानी से कहा।

सुमित उठकर अनुराग के कंधे पर हाथ रखकर बैठ गया और बोला- "किस जमाने मे जी रहा है, किसी को पाने के लिए कितनी हदें पार करनी पड़ती है, तेरे पास और रास्ता ही क्या है?

"उसे मारकर भी रोशनी हासिल नही होगी, क्योकि अब मेरी सच्चाई उसके सामने आ चुकी है, दीपक को धमका भी चुका हूँ, इस हिसाब से दीपक को कुछ हुआ तो रोशनी जान जाएगी कि मैने ही वो सब किया है। अपने प्यार के कातिल से वो शादी कभी नही करेगी" अनुराग बोला।

"तो उसे दे दे धमकी…, उसके पास  जाकर बोल की अगर उसने तुझसे शादी नही की तो तू उसके दीपक को मार डालेगा।" सुमित ने कहा।

"कोई और उपाय बता, एटीट्यूट बहुत है उसमें, वो नही मानेगी ऐसे भी" अनुराग ने कहा।

सुमित का माथा गर्म होने लगा था थोड़े गुस्से के साथ उसने अनुराग से पूछा- "किस बात का घमंड है उसे" 

"शायद खूबसूरती का, क्योकि वो सोचती है कि उसके जैसा कोई है ही नही दुनिया मे, जब जब उससे इजहार किया तब तब उसने ये कहकर रिजेक्ट कर दिया कि उसकी इंगेजमेंट हो चुकी है दीपक से , और वो भी उसकी मर्जी से" अनुराग ने कहते हुए सुमित का हाथ कंधे से हटाया और थोड़ा दूर जाकर खड़ा हो गया।

सुमित थोड़ी देर शांत रहा और इधर उधर गैराज में नजर घुमाने लगा, तभी उसकी नजर एक मोटर मेकेनिक पर पड़ी जो  गाड़ी की डेड बैटरी को निकालकर उसके पुर्जो को एसिड से साफ कर रहा था, हालांकि यहां एसिड की मात्रा न्यून थी लेकिन और भी बहुत काम ऐसे होते थे जिसमें एसिड यूज होता था इसलिए गैराज में एसिड उपलब्ध था  सुमित के दिमाग मे एक आइडिया आया और उसने  अनुराग को आवाज देते हुए कहा- "सुन….अनुराग! यहां आ।"

निराश खड़ा अनुराग वापस सुमित के पास आकर बैठ गया।

"अगर तू उसे एसिड से डराये तो…. मेरा मतलब मान गयी तो ठीक नही तो उसके चेहरे का ऐसा हाल करना कि दीपक भी उससे शादी करने से इनकार कर देगा। जिंदगी भर तुझे रिजेक्ट करने की सजा भुगतेगी वो" सुमित ने कहा।

"पागल है क्या?  मैं और रोशनी के चेहरे में एसिड…. नही, मैं इतना खुदगर्ज भी नही हूँ कि बस अपने ही बारे में सोचूँ,  रोशनी को तकलीफ में नही देख पाऊँगा।" अनुराग ने कहा।

"मेरी बात ध्यान से सुन, तूने सच मे डालना नही है, बस उसे दिखाकर ये कहना है कि अगर वो तुझसे शादी करेगी तो ठीक है, नही तो तू उसका चेहरा जला देगा। फिर दीपक तो क्या कोई भी लड़का उसकी तरफ थूकेगा भी नही।" सुमित ने कहा।

"अगर इतना कहकर भी नही मानी तो…." अनुराग ने सवाल किया।

"फिर तू जान, आगे क्या करना है, मैं  तो कहता हूँ ऐसी घमंडी लड़कियों के साथ ऐसा ही करना चाहिए।" सुमित बोला।

अनुराग कुछ और ही सोचने लगा और फिर बोला
"वैसे एक काम हो सकता है,एसिड के बोतल में अगर एसिड की जगह सिम्पल पानी मिल जाएगा तो उसे मैं धमका सकूंगा, और अगर ज्यादा किया तो पानी को ही मुंह मे छलका दूँगा, उसे एक पल लगेगा की मैंने सच मे एसिड फेंक दिया है, फिर उसके बाद जब वो एसिड नही होगा तो मैं उसे कहूँगा की मैंने भी उसे सच्चा प्यार किया है, मैं कभी उसे कोई नुकसान नही पहुचाऊँगा, माना कि मेरा प्यार एकतरफा था लेकिन ये मेरे दिल मे हमेशा रहेगा, मैं तुम्हे हमेशा उतना ही प्यार करूँगा जितना आज करता हूँ ।"

*****

"अगर तुम्हें मेरे प्यार का एहसास नही है तो इसमे मैं तुम्हे गलत नही समझता हूँ, मैं तो बस तुम्हारी खुशी चाहता हूँ रोशनी, वैसे भी प्यार कभी पूरा नही होता, मुझे तुमसे है तुम्हे दीपक से, और दीपक को भी तुमसे है (अपने चेहरे को हैरानी से शीशे में देखते हुए) "ये तो पूरा हो गया, हां प्यार पूरा होता है लेकिन किसी किसी का।

अनुराग सुमित के गैराज से घर आकर भी अपने डायलॉग की प्रैक्टिस कर रहा था। क्योकि उसे ये तो यकीन था कि रोशनी ने उसकी बात नही माननी है और ये डायलॉग वाला सीन होना ही होना है, इसलिए दिल की गहराई से वो शब्दो को पिरोते हुए बहुत ही शिद्दत से इस डायलॉग को रट रहा था। और ये उम्मीद लगाए था कि शायद फिल्मो की तरह ही रोशनी किसी हीरोइन की तरह उसके दिल मे छिपे प्यार को समझ जाएगी और गले से लगाकर कहेगी की - "आई एम सॉरी अनुराग, मैं दीपक के प्यार में अंधी हो गयी थी, मुझे तुम्हारा प्यार नजर नही आ रहा था"

"अब तो आ गया नजर, और प्लीज बार बार दीपक का नाम मत लो, दीपक तुम्हे बस पसंद था, वो दोस्त था , और अट्रैक्शन था बस…. हकीकत में तुम मुझसे प्यार करती हो और मैं तुमसे"

"अब मैं भूल जाउंगी दीपक को" कहते हुए रोशनी ने हाथ से इंगेजमेंट वाली अंगूठी उतार ली और कहा- "ये लो, तुम मुझे पहनाओ, क्योकि मैं दीपक से नही तुमसे शादी करूंगी"

अनुराग के खुशी के आँसू थम नही रहे थे, उसने अपनी नम आंखों को पोछते हुए कहा- " और मुझे…. मुझे कैसे पहनाओगी…. रुको…. एक मिनट…."  अनुराग ने अपने गले का चैंन उतारते  हुए कहा- "ये लो…. मुझे ये पहना दो"

रोशनी अनुराग की इस नादानी पर हँसने लगी और बोली - "इंगेजमेंट में अंगूठी पहनाते है चैंन नही"

अनुराग ने रोशनी के हाथ की अंगूठी रोशनी के अंगुली में पहनाते हुए कहा- "विल यू मैरी मी"

रोशनी ने थोड़ी लज्जा से मोहक चेहरे को अपनी हथेली से ढक लिया।

अनुराग धीरे से उसके हाथ हटाते हुए बोला- "ऐसे ना शरमाया करो, मेरे सीने में हलचल होने लगती है"

"अब चलें"

"ह्म्म्म"

अनुराग ने अपना एक हाथ डरते डरते रोशनी के कंधे में रखा।  रोशनी ने गर्दन उसके तरफ घुमाई ही थी कि अनुराग ने एक दम से हाथ हटा दिया और हकलाते हुए बोला- "सॉरी…. वो मैं…. मैं…. "

रोशनी ने खुद उसका हाथ उठाया और अपने कंधे में रख लिया।

अब दोनो मुस्कराते हुए आगे बढ़ने लगे।
तभी कुछ टूटने जैसी आवाज आई। अनुराग सपने से बाहर आया तो उसका परफ्यूम का कांच के बोतल उसके हाथ से नीचे गिर गया था। जिसके टुकड़े टुकड़े हो गए थे।

"धत तेरी, तूने टूटना था तो चुपचाप टूट जाता, इतना प्यारा सपना क्यों तोड़ दिया मेरा" अनुराग ने कांच के टुकड़ों को डांटते हुए कहा।

कहानी जारी है


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2 Comments

Fiza Tanvi

27-Aug-2021 11:51 PM

बेहतरीन

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🤫

06-Aug-2021 09:25 AM

ओह हो ये सपने .....जब टूटते है तो कुछ तोड़ भी जाते हैं।वेरी नाइस स्टोरी।

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